इंसानियत
इंसानियत के नाते कुछ कर के दिखाओ,
बेसहारो कि मदद करके बताओ|
इंसान बनना ही सब कुछ नहीं हैं,
अपने हृदय में इंसानियत उत्पन्न करके बताओ|
यह मत सोचो इससे हमको क्या करना हैं,
कभी न कभी हमको भी सहना हैं|
जो आज उनका हैं,
वह कल हमारा भी हो सकता हैं|
जो करना हैं वो आज ही करना हैं,
आखिर इंसानियत के नाते हमें कुछ करना हैं|
बहरो का कान, गूंगो की आवाज,
अन्धों की आँख, अपाहिजों का सहारा हमको बनना हैं|
बुजुर्गो कि इज्जत हमको करना हैं,
जिन्हें सहायता कि जरुरत हो, उनकी सहायता हमको करना हैं|
हमें मिल-जुलकर रहना हैं,
एक-दूसरे के सुख-दुःख में मदद करना हैं|
आखिर इंसान होने का फर्ज हमको अदा करना है,
इंसानियत के नाते हमको कुछ करना हैं|
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