Sunday, 19 January 2020

सड़क दुर्घटना


सड़क दुर्घटना


रामलाल और रोशनलाल दोनों एक दुसरे के पड़ोसी हैरोशनलाल एक ट्रक ड्राईवर है और रामलाल उसका खलाशी हैरामलाल और रोशनलाल दोनों का हँसता खेलता परिवार हैरामलाल के घर में उसका पांच एक लड़का है और रोशनलाल के घर में लगभग पांच साल का लड़का और एक डेढ़ साल की कन्या हैदोनों के लड़के बाहर पड़ोसी लड़को के साथ पकड़ा-पकड़ी खेल रहे हैरोशनलाल के घर से बच्चे की रोने की आवाज रही हैरामलाल और रोशनलाल प्रतिदिन की तरह अपने ट्रक के साथ रवाना होने वाले है|

रोशनलाल : (आवाज लगाते हुए) अरे भाई! तैयार हुए की नहीं|

रामलाल : (अन्दर से) कुछ देर और ठहर जाओकपडे पहन रहा हूँ|

रोशनलाल : ठहरा ही तो हूँइसके पहले भी तुम कपडे पहन रहे थे|

रामलाल : (बीच में) चलो भाई! मैं बाहर खड़ा हूँ|

रोशनलाल : (बाहर आता हैं) चलो|

                 रामलाल और रोशनलाल आपस में बाते करते हुएगाड़ी की ओर धीरे-धीरे बढ़ते है|

रोशनलाल : (गाड़ी के इंजन का निरीक्षण करता है) रामलाल पांच लीटर के कैन में पानी भर लाना तोदूर जाना हैहो सकता हैरास्ते में पानी मिले|

रामलाल : कैन कहा है|

रोशनलाल : सीट के नीचे रखा हुआ है|

रामलाल : (कैन लेता है और घर की ओर रवाना हो जाता है|) कैन में पानी भरकर वापस जाता हैं|

रोशनलाल : (गाड़ी के टायरो का निरीक्षण करते हुए) पानी ले आये|

रामलाल : हाँ|

रोशनलाल : सीट के निचे रख दोमैं रहा हूँ|

रामलाल : ठीक हैं|

रोशनलाल : (ड्राईवर की सीट पर बैठता है) रामलाल आज हमें लौटने में देर हो सकती हैअपनी पत्नी को बताया की नहीं|

रामलाल : नहीं|

रोशनलाल : बताने जाओगे|

रामलाल : नहींअब चलो भीजल्दी जायेंगे तो जल्दी आयेंगे |

रोशनलाल : गाड़ी का इंजन स्टार्ट करता है और आगे की ओर निकल पड़ता हैं|

                 रास्ते केनुक्कड़ के पान के दुकान के पास रोशनलाल गाड़ी रोक देता है|

रामलाल : क्या हुआ?

रोशनलाल : (पान की दुकान की ओर इशारा करते हुए) जाकर दो-तीन बीडी की पुड़ियाँ ले लो और पांच-छः पान का बीड़ा बनवा लेनापिछली बार रास्ते में एक भी दुकान नजर नहीं आई थी|

रामलाल : (गाड़ी से निचे उतरपान की दुकान की ओर चल पड़ता है|) पानवाले भईया! तीन बीडी की पुड़ियाँ और पांच पान का बीड़ा बना देना|

पानवाला : (बनाकर) ये लीजिये|

रामलाल : कितना हुआ|

पानवाला : साढ़े बाईस रुपिया|

रामालाल : कौन सेहिसाब से भाई?

पानवाला : एक बीडी की पुडिया ढाई रूपये और एक बीड़ा पान के तीन रूपये|

रामलाल : (मन मेंआज कल इन चीजो के दाम भी बढ़ रहे है|) जेब से तीस रूपये निकालकर पानवाले को दे देता है|

पानवाला : साढ़े सात रुपिया वापस करता है|

रामलाल : (पैसा लेता है) गाड़ी की ओर चल पड़ता है|

रोशनलाल : (अन्दर से) ले आये जाओ|

रामलाल : दरवाजा खोलकर अन्दर बैठ जाता है|

रोशनलाल : गाड़ी का इंजन स्टार्ट करता है और आगे कि ओर निकल पड़ता है|

                 मंडी में पहुँचकर सामान लोड करते है और सामान को अपने गंतव्य तक पहुचाने के लिए निकल पड़ते है|

रामलाल : (रोशनलाल से) आज काफी देर हो गयी है|

रोशनलाल : मैंने तो पहले ही कहा था की लौटने में देर हो सकती है|

रामलाल : ठीक हैअब चलो भी|

                 तीसरा पहर लग चुका हैदोनों सामान को गंतव्यो तक पहुचने के बाद घर के लिए रवाना होते हैएकाध किलोमीटर चलने के बाद रोशनलाल गाड़ी को मयखाना के सामने रोक देता है|

रामलाल : आज फिर पीने के लिए रुक गए|

रोशनलाल : काफी थक गया हूँचलो एकाध ग्लास चुस्की ले लेते है|

रामलाल : पिछले दिनों हीएकाध ग्लास करते-करते इतनी पी ली थी की गाड़ी चला सकोफिर भी तुमने गाड़ी चलाई और दुर्घटना होने से बाल-बाल बच गए थे|

रोशनलाल : हर-बार थोड़े ही ऐसा होता हैआज थोड़ा सा ही पीऊंगा|

रामलाल : परन्तु तुमने तो उस दिन भी कहा था कि आज के बाद पी कर गाड़ी नहीं चलाओगे|

रोशनलाल : वो तो मैंने वैसे ही कह दिया थारात गयी बात गयी उसे भूल जाओ|

रामलाल : आजकल पुलिस पी कर गाड़ी चलाने वालों पर ज्यादा चालान कर रही है|

रोशनलाल : वह तो उनका काम हैवो करे|

रामलाल :    वह तो ठीक हैपरन्तु कई बार पी कर गाड़ी चलाने पर दुर्घटना घटित हो जाती हैअपना ही उदहारण ले लोपिछले दिनों ही हम दुर्घटना घटित होने से बाल-बाल बच गए थे|

रोशनलाल : अब चलोगे कि नसीहत ही देते रहोगे|

रामलाल : चलो|

                 दोनों मयखाना के भीतर चले जाते है और एकाध घंटे बाद बाहर निकलते हैंरोशनलाल आज भी इतना पी लिया रहता है कि उसे चलने की शुद्ध भी नहीं रहता है|

रोशनलाल : (लड़खड़ाती हुई आवाज में) गाड़ी कहा है?

रामलाल : वह क्या सामने खड़ी है|

रोशनलाल : (लड़खड़ाती हुई आवाज में) चलो घर चलते है|

रामलाल : ढंग से चल नहीं पा रहे होतो गाड़ी कैसे चलाओगे?

रोशनलाल : (लड़खड़ाती हुई आवाज में) मैं चला लूँगा|

रामलाल : मेरे ख्याल सेगाड़ी को सड़क किनारे लगा दोहम आज की रात गाड़ी में ही गुजार लेते है और सुबह होते ही घर को रवाना हो जायेंगेसुबह तक दारू का असर भी कम हो जायेगा|

रोशनलाल : (लड़खड़ाती हुई आवाज में) नहींमुझे अभी चलना है|

                 रामलाल के लाखो समझाने पर भीरोशनलाल उसकी एक भी नहीं सुनता है|

रामलाल : (गुस्से में) चलो फिर|

रोशनलाल: (लड़खड़ाती हुई आवाज में) चलो|

                 रामलालरोशनलाल को पकडे हुए गाड़ी तक ले जाता है|

रोशनलाल : (रामलाल से) गाड़ी में बैठ जाओ|

                 रामलाल पहले उसे गाड़ी में बैठाता है और फिर खुद गाड़ी में बैठ जाता हैं|

रोशनलाल : गाड़ी का इंजन स्टार्ट करता है और निकल पड़ता है|

                 कुछ दूर ही गए रहते है की रोशनलाल का गाड़ी पर संतुलन खोने लगता है|

रामलाल : मैं फिर कह रहा हूँगाड़ी को किनारे लगा दोकल सुबह चल चलेंगेवैसे भी नशें के कारण गाड़ी तुमसे संभल नहीं रही रही हैं|

रोशनलाल : (लड़खड़ाती हुई आवाज में) घबराओ नहीं! मैं होश में हूँ और संभाल लूँगा|

रामलाल : मुझे नहीं लग...(रोशनलाल बात को बीच में काट देता है|)

रोशनलाल : देखो! अब गाड़ी हवा में उड़ेगी|

रामलाल :    (चिल्लाते हुए) स्पीड नहीं बढ़ानाधीमी गति में अभी नहीं संभल रही हैं तो तेज गति में कैसे संभालोगे|   

रोशनलाल : (लड़खड़ाती हुई आवाज में) घबराओ नहींमैं सब संभाल लूँगा और गाड़ी का स्पीड बढ़ा देता हैं|

रामलाल : (कांपती हुई स्वर में) मैं फिर कह रहा हूँगाड़ी धीमें कर लो|

रोशनलाल : (रामलाल की बातो को अनदेखी करते हुए) मजा रहा हैगाड़ी का स्पीड और बढ़ा देता हैं|

                  बस को ओवरटेक करने की कोशिस में रोशनलाल अपना गाड़ी पर संतुलन खो बैठता हैं और जाती हुई जीप को रौंद देता हैंजिससे जीप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती हैजीप में बैठे सभी लोग अकाल ही मौत के आगोश में समां जाते है|

रामलाल : (अत्यंत भयभीत स्वर में) यह क्या किया तुमने?

रोशनलाल : (दुर्घटना की वजह से) आव देखता हैं तावगाड़ी को पीछे कर भागने को होता है की वह एक और दुर्घटना कर बैठता हैंउसके गाड़ी के किनारे से मोटरसाइकिल सवार को ठोकर लग जाती हैं और वह भी बुरी तरह जख्मी हो जाता हैं|

रामलाल : (अत्यंत भयभीत अवस्था में) गाड़ी रोक दो|

रोशनलाल : उसकी बातो को अनदेखी कर देता हैं और सड़क के किनारे स्थित मोटे पेड़ से जा टकराता है|

                  टकराव इतना तेज होता है की रोशनलाल गाड़ी का शीशा तोड़ते हुए आगे की ओर फेका जाता है और तत्काल ही उसकी मृत्यु हो जाती हैरामलाल भी बुरी तरह से जख्मी हो जाता है और दुर्घटना की वजह से बेहोश हो जाता है|

                  कुछ ही क्षणों में घटना स्थल पर लोगो की भीड़ उमड़ पड़ती हैभीड़ में से एक आदमी पुलिस को फ़ोन करता हैंपुलिस भी कुछ समय में घटना स्थल पर पहुँच जाती है|

पुलिस : (पूछताछ करते हुए) आप लोगो में से किसी ने दुर्घटना होते हुए देखा क्या?

भीड़ : नहीं|

भीड़ : (भीड़ में से एक आदमी) मैंने साहब!

पुलिस : क्या देखा?

आदमी : साहब! मैं रोड के दुसरे किनारे से घर की ओर जा रहा था की मैंने एक जोरदार आवाज सुनी और जैसे ही मैं आवाज की दिशा ओर पलटा मैंने देखा ट्रक वाला जीप को टक्कर मारने के बादभागने की कोशिस में उसने मोटरसाइकिल सवार को को भी टक्कर मार दी और मोटे पेड़ से जा टकराया|

पुलिस : (बयान दर्ज करती है|) लाशों का मुयायना करने के बादपोस्टमार्टम के लिए भेज देती है और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भरती करा देती हैं|

                  दुर्घटना की खबर उस इलाके में बिजली की तरह फैल जाती हैलोगो के जहन्न में पिछले साल कि वह घटना ताजा हो जाती हैंजिसमे एक साथ दस लोगो की मृत्यु हो गयी थी|

दुर्घटना की अगली सुबह

                  समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होती है की दारु के नशे में ट्रक ड्राईवर ने बस को ओवरटेक करने की कोशिस में जीप को रौंद दियाजिससे जीप सवार सभी लोगो की अकाल ही मृत्यु हो गयी और भागने की कोशिस में उसने मोटरसाइकिल सवार को को भी टक्कर मार दीजिससे मोटरसाइकिल सवार बुरी जख्मी हो गयाऔर खुद मोटे पेड़ से जा टकरायाटकराव इतना तेज था की ड्राईवर गाड़ी का शीशा तोड़ते हुए आगे की ओर फेका गया और घटना स्थल पर ही उसकी मृत्यु हो गयीट्रक का खलासी बुरी तरह से जख्मी है और दुर्घटना की वजह से बेहोश हैमोटरसाइकिल सवार और ट्रक के खलासी को पुलिस ने नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया हैं|

          समाचार पत्र पढ़ने के बाद लोगो के जहन में केवल एक ही सवाल उठता है की कब लोग इस बात को समझेंगे कि दारू पीकर गाड़ी नहीं चलाना चाहिए|

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