प्रकृति का रहस्य
क्या हमने कभी सोचा हैं? अच्छे मानव परमेश्वर द्वारा जल्दी क्यों बुला लिए जाते हैं| परमेश्वर अच्छे मानवों को ही अपने पास जल्दी क्यों बुलाता हैं? बुरे मानवो को क्यों नहीं?
जब एक अच्छा मानव समय से पहले मृत्युकाल को प्राप्त होता हैं, तो बस हम इतना सोच के रह जाते हैं कि भला मानव था, इसलिए परमेश्वर ने उसे जल्दी अपने पास बुला लिया| क्योकि परमेश्वर को भी अच्छे इंसानों कि जरुरत हैं|
जब हमारे उपर अत्याचार होता हैं तो, हम परमेश्वर से प्राथना करते हैं कि हे! परमेश्वर तुमने इस युग में मुझे जन्म क्यों दिया? मुझे किसी और युग में जन्म दिया होता| आज पृथ्वी का हर मानव यही सोच रहा हैं, क्योकि आज पृथ्वी पर रहने वाले मानवों में भ्रष्टाचार, क़त्ल करना, दुसरों को दुःख देना, सिर्फ अपने बारे में सोचना,लालची स्वभाव होना आदि ऐसे द्वेष मानवों में भरे हुए हैं| हर कोई अपना उल्लू सीधा करने के पीछे पद हुआ हैं| दूसरों के दुखों से उनको कुछ लेना देना नहीं हैं|
अच्छे मानव उभरने का प्रयास कर रहे हैं किंतु आज के युग उनकी एक भी नहीं चलती| कभी कभार वे उभर कर तो आ जाते हैं| जिससे बुरे मानवों का जीना हराम हो जाता हैं| जिसके कारण वे जिलमिला जाते हैं और सही अवसर ढूढनें में लग जाते हैं| जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वे अच्छे मानवों का खत्म कर देते हैं| फिर चैन कि साँस लेते हैं|
आज के इस युग में हर कोई सहमा हुआ हैं| चाहे वह अमीर हो या गरीब| हम इसके कुछ उदाहरण भी देख सकते हैं| अमेरिका तालिबान के डर से, भारत पाकिस्तान के डर से, आतंकवाद से संपूर्ण विश्व आदि| हमे ऐसे कई उदाहरण देखने मिल जायेंगे|
मानव आज के इस आधुनिकता कि दौड में आँख होते हुए भी अंधा हो चुका हैं| उसे अपना आता हुआ विनाश नहीं दिखाई दे रहा हैं| वह अपने जीवन का दुरूपयोग करता जा रहा हैं| जिससे पृथ्वी पर पाप बढते जा रहा हैं| पृथ्वी पाप ढोने में असहाय होते जा रही हैं| अब परमेश्वर ने पृथ्वी पर से जीवन समाप्त कर देने का फैसला कर लिया हैं| वे इस कार्य में हर छण, हर पल अग्रसर हैं| हम भले परमेश्वर के रहस्य को न समझ पाए किंतु परमेश्वर अपने कार्य में अग्रसर हैं| जिसके कुछ उदाहरण प्राकृतिक आपदा, सुनामी, भूकंप, बाढ़, भारी वर्षा आदि हैं|
परमेश्वर ने अच्छे मानवों को अपने पास बुलाने का कार्य शुरू कर दिया हैं| जिससे उन्हें पृथ्वी का विनाश करने में कोई परेशानी न हो| जिसमें सिर्फ पापी मानवों का विनाश हो जायेगा| परमेश्वर पुन:पृथ्वी का निर्माण करेंगे और अच्छे मानवों को पुन: जन्म मिलेगा| वे सुख-शांति से अपना जीवन निर्वाक करेंगे| परमेश्वर द्वारा उस युग का नाम स्वच्छम् युग रखा जायेगा|
पापी मन परमेश्वर के इस रहस्य को समझने में असक्षम हैं| वह केवल इतना ही सोच सकता हैं कि परमेश्वर को अच्छे मानवों की जरुरत थी इसलिए उन्होंने उसे बुला लिया| वह पाप करते जा रहा है और कहता है, जब क़यामत का दिन आएगा तो अपना सर्वनाश देख लूँगा| अभी जो जीवन मुझे मिला है, उसे जी तो लूं| वह भूल गया हैं, परमेश्वर द्वारा जो उसे दंड मिलेगा वह पापी मानव के लिए रूह कापने जैसा होगा|
इस लिए मैं कहता हूँ-
हे! मानव अभी भी वक्त हैं संभल जाओ,
परमेश्वर से क्षमा मांगो और पृथ्वी को बचाओ|
परमेश्वर ने जो कार्य तुम्हे सौपा है, उसे करते जाओ|
पृथ्वी पर पेड़ लगाओ, हवा को धुएं से बचाओ,
पानी को जहर होने, ओजोन में छिद्र होने से बचाओ|
अभी भी वक्त है, सत्य कर्म को अपनाओ,
छोड दो भेदभाव, छुआछुत, दूसरों को दुःख देना|
क्यों करते हो अल्ला, परमेश्वर, भगवान,
यह तो सबके हैं-
फिर क्यों कहते हो, यह तेरा भगवान, यह मेरा भगवान|
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