Sunday, 19 January 2020

सुविचार


सुविचार

1.     सदा सत्य बोलो|
2.     
मेहनत का फल मीठा होता हैं|
3.     
अपने से बडो का सम्मान करो|
4.     
सबका मालिक (परमेश्वर) एक हैं|
5.     
पपा से धृणा करो पापी से नहीं|
6.     
अहंकार मनुष्य के अंत (मृत्यु) की निशानी हैं|
7.     
सबसे बड़ा मनुष्य वही हैं जो अपने को दूसरों से छोटा समझे|
8.     
सबसे बड़ा सुख माता-पिता के चरणों में हैं|
9.     
अंधविश्वास अहंकार की निशानी हैं|
10.   
सदा अच्छे लोगो की संगती में रहो|
11.   
कर्म करते रहो, फल की इच्छा मत करो|
12.   
परिश्रम करने वालो की कभी हार नहीं होती|
13.   
मीठे वचन (बोल) से हम अपने शत्रु को भी अपना दोस्त बना सकते हैं|
14.   
सच्चा मित्र वही हैं, जो बुरे वक्त में काम आये|
15.   
दूसरों को माफ करना ज्ञानी व्यक्ति की निशानी हैं|
16.   
कर्म ही पूजा हैं|
17.   
कर्तव्य के प्रति निष्ठां रखो|
18.   
अशिक्षा अज्ञानी व्यक्ति की निशानी हैं|
19.   
कोई भी कार्य करने से पहले सोच-विचार कर लेना चाहिए|
20.   
बिना सोचे-समझे किये गए कार्य का परिणाम हमेशा बुरा होता हैं|
21.   
बलवान मनुष्य वही हैं, जो दूसरों को निचा दिखाए|
22.   
कभी पाप का भागी मत बनो|
23.   
मेहनत कामयाबी की पहली सीढ़ी हैं|
24.   
दूसरों से कभी ईर्ष्या मत करो|
25.   
समय बड़ा बलवान हैं|
26.   
समय से पहले हमें कुछ भी हासिल नहीं होता|
27.   
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्|
28.   
पप्प ही पुण्य को जन्म देता है|
29.   
अच्छे विचार ही मनुष्य को महान बनाते हैं|
30.   
अच्छे विचार से ही मनुष्य ज्ञानी कहलाता हैं|
31.   
मनुष्य का स्वर्ग माता-पिता के चरणों में होता हैं|
32.   
मेहनती वही हैं, जो कष्टों का सामना करता हैं|
33.   
मनुष्य की सबसे बड़ी सकती, आत्मशक्ति हैं|
34.   
जल ही जीवन हैं|
35.   
पेड़ों का विनाश अर्थात अपना विनाश|
36.   
सज्जन व्यक्ति पाप से डरता हैं, पापी से नहीं|
37.   
जिसे हम बना नहीं सकते, उसका विनाश नहीं करना चाहिए|
38.   
जैसी करनी, वैसी भरनी|
39.   
जहाँ चाह हैं, वही राह हैं|
40.   
लालच ज्ञानी मनुष्य को भी, अज्ञानी बना देती हैं|
41.   
व्यक्तित्व की पहचान कर्मो से होती हैं|
42.   
सेवा में ही मेवा हैं|
43.   
कल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होतें, हे! मानव करेगा कब|
44.   
जो दुसरो को देख कर जलता हैं, उसका विनाश उसके हाथो स्वयं होता हैं|
45.   
समाजसेवा ही सर्वोपरि धर्म हैं|

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